Sukhdev Thapar (सुखदेव थापर) - The Forgotten Revolutionary
Sukhdev Thapar (सुखदेव थापर ) - The forgotten Revolutionary:
नाम : सुखदेव थापर
जन्म : 15 मई 1907 लुधियाना पंजाब
मृत्यु: 23 मार्च 1931 लाहौर पंजाब , ब्रिटिश भारत में
पिता : श्री राम लाल
माता : श्रीमती रल्लीदेवी
संगठन : हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन
राजनेतिक आंदोलन : भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
- सुखदेव (वर्ष 1907-1931) एक प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी थे। जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी।
- सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे और पंजाब व उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों के क्रांतिकारी समुहों को संगठित किया।
- सुखदेव लाहौर नैशनल कालेज में युवाओं को शिक्षित करने के लिए गए और वहां उन्हें भारत के गौरवशाली अतीत के बारे में अत्यंत प्रेरणा मिली। उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रान्तिकारियो के साथ लाहौर में “नौजवान भारत सभा” की शुरूआत की।
- उन्होंने मुख्य रूप से युवायों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने और सांप्रदायिकता को खत्म करने के लिए प्रेरित किया था।

- सुखदेव ने खुद कई क्रांतिकारी गतिविधियों जैसे वर्ष 1929 में “जेल की भूख हड़ताल” में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
- लाहौर षडयंत्र के मामले (18 दिसंबर 1928) में उनके उनके साहसी हमले के लिए, उन्हे हमेशा याद किया जायेगा, क्योंकि उसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नींव को हिलाकर रख दिया था।
- सुखदेव , भगत सिंह और राजगुरु ने मिलकर वर्ष 1928 में पुलिस उप-अधीक्षक जे.पी. सॉण्डर्स की हत्या की थी, यह कांड लाला लाजपत राय की मौत का बदला था।
- नई दिल्ली (18 अप्रेल 1929) को सेंट्रल असेंबली में बम विस्फोट करने के कारण, सुखेदव ओर उनके सहियोगिओं को ग्रिफ्तार कर लिया गया और उन्हें दोषी ठहराकर मोत की सजा सुनाई गई।
- 23 मार्च 1931 को भगत सिंह , सुखदेव ओर शिवराम राजगुरु को फांसी दे दी गई और उनके शरीर को सतलुज नदी के किनारे गुप्त रूप से अंतिम संस्कार कर दिया गया।
- सुखदेव और भगत सिंह बचपन से ही आजादी का सपना पाले हुए थे। ये दोनो “लाहौर नैशनल कालज” के क्षात्र थे। दोनो एक ही सन में पंजाब में पैदा हुए और एक ही साथ शहीद हो गए।
- सुखदेव का प्रारम्भिक जीवन लायलपुर में बीता ओर यही इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी हुई।
- सुखदेव बचपन से ही जिद्दी व सनकी स्वभाव के थे। कुछ दिनों के लिए पहलवानी करने का शौक इसी सनकीपन को बयान करता है।
- सुखदेव , भगत सिंह और भगवती चरण वोहरा के साथ मिलकर 1926 में नौजवान भारत सभा का गठन किया था।
- 20 दिसंबर 1928 - भगत सिंह को लाहौर से फरार करने में मदद और उनके खिलाफ लाहौर षंडयंत्र के नाम से रिपोर्ट दर्ज हुई।
- मार्च 1931– ग़ांधी को उनकी नीति को जनता के सामने स्पष्ट करने के संदर्भ में पत्र।
- 23 मार्च 1931 – शहादत का दिन